प्रयागराज में जनवरी 2025 में आयोजित होने वाले महाकुंभ की तैयारियों के तहत श्रद्धालुओं की आस्था और सनातन धर्म के प्रतीक 13 अखाड़ों का कुंभ नगरी में आगमन शुरू हो गया है। इसी क्रम में रविवार को श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े ने कुंभ नगरी में भव्य नगर प्रवेश यात्रा संपन्न की, जो आयोजन की दिव्यता और सुव्यवस्था का प्रतीक रही। इस भव्य आयोजन ने योगी सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया, जिसमें एक दिव्य और सुव्यवस्थित महाकुंभ के आयोजन का संकल्प स्पष्ट झलका।
जूना अखाड़ा के साधू-संत |
नगर प्रवेश यात्रा में बिखरी सनातन की दिव्यता
त्रिवेणी के तट पर होने वाले इस आस्था के महासंगम में अखाड़ों का कुंभ नगरी में जमघट लगना शुरू हो गया है। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के संन्यासियों ने रामापुर स्थित हनुमान मंदिर से रमता पंच के साथ नगर प्रवेश यात्रा का शुभारंभ किया, जिसका समापन जूना अखाड़े के मौज गिरी आश्रम में हुआ। इस यात्रा के दौरान मार्ग में कुंभ मेला प्रशासन और स्थानीय जनता ने पुष्पवर्षा कर साधु-संतों का स्वागत किया। चांदी के सिंहासन पर सवार महामंडलेश्वर पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर इस भव्य आयोजन का स्वागत किया।
सुरक्षा और प्रशासन की कड़ी व्यवस्था
नगर प्रवेश यात्रा को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए महाकुंभ प्रशासन द्वारा भारी पुलिस बल की तैनाती की गई थी। अपर कुंभ मेला अधिकारी विवेक चतुर्वेदी के नेतृत्व में रामापुर से लेकर अखाड़े के आश्रम तक प्रशासनिक टीमों ने यात्रा का साथ दिया। यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए चार सर्किल ऑफिसर, छह इंस्पेक्टर, नौ सब इंस्पेक्टर और 40 पुलिस जवानों की तैनाती की गई, ताकि नगर प्रवेश के दौरान यातायात प्रभावित न हो।
अंतरराष्ट्रीय साधु-संतों ने सराहा महाकुंभ की व्यवस्थाओं को
श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े के नगर प्रवेश में एक हजार से अधिक साधु-संतों ने हिस्सा लिया। इस यात्रा में देश-विदेश से आई महिला महा मंडलेश्वर की उपस्थिति भी देखने को मिली। नेपाल से आई महा मंडलेश्वर हेमा नन्द गिरी ने कहा कि यह संतों का सौभाग्य है कि जहां महाकुंभ हो रहा है, वहां के मुख्यमंत्री भी एक संत हैं। योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में हो रही तैयारियों ने सनातन धर्म को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दी है।