इलाहाबाद विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ मीडिया स्टडीज के पाठ्यक्रम समन्वयक और वरिष्ठ पत्रकार, डॉ. धनंजय चोपड़ा के जीवन में एक और गौरवशाली क्षण जुड़ने जा रहा है, भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने उन्हें प्रतिष्ठित "राजभाषा गौरव पुरस्कार" से सम्मानित करने की घोषणा की है।
धनंजय चोपड़ा (फ़ोटो_क्रेडिट- देवेन्द्र) |
यह पुरस्कार उन्हें उनकी पुस्तक 'भारत में कुंभ' के लिए दिया जाएगा, जिसे नेशनल बुक ट्रस्ट द्वारा प्रकाशित किया गया है। डॉ. चोपड़ा को यह पुरस्कार अगले महीने हिंदी दिवस के अवसर पर नई दिल्ली के भारत मंडपम में आयोजित एक विशेष समारोह में प्रदान किया जाएगा।
डॉ. चोपड़ा के नाम अब तक 17 प्रकाशित पुस्तकें दर्ज हैं। इसके साथ ही, उन्होंने छह पुस्तकों का अनुवाद और कई महत्वपूर्ण पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। डॉ. चोपड़ा की लेखनी को पहले भी कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
डॉ. धनंजय चोपड़ा को प्राप्त पुरस्कार और सम्मान
- भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार
- उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का बाबूराव विष्णु पराड़कर
- धर्मवीर भारती पुरस्कार
- राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का महात्मा गांधी हिंदी लेखन पुरस्कार
- विज्ञान परिषद का शताब्दी सम्मान
- हिंदी साहित्य सम्मेलन का सम्मेलन सम्मान शामिल हैं।
- के के बिरला फाउंडेशन की के के बिरला फैलोशिप
- भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की सीनियर फैलोशिप भी प्राप्त हो चुकी है।
राजभाषा गौरव पुरस्कार पर अपनी खुशी जाहिर करते हुए, डॉ. चोपड़ा ने कहा, "यह मेरे लिए एक गर्व का पल है। पुरस्कार मुझे हमेशा पहले से बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं।"
डॉ. चोपड़ा की यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत जीवन में एक और मील का पत्थर है, बल्कि यह हिंदी भाषा और साहित्य की भी एक बड़ी उपलब्धि है। उनकी इस सफलता पर न केवल उनके चाहने वाले, बल्कि हिंदी साहित्य और पत्रकारिता जगत भी गर्व महसूस कर रहा है।
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