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Makar Sankranti 2024 Date and Time : मकर संक्रांति कब है, जानिए यह पर्व कितना है खास

Makar Sankranti 2024 date and time: हिन्दू पंचांग के अनुसार 15 जनवरी दिन सोमवार को मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जाएगा।  इस दिन सूर्य सुबह 02 बजकर 54 मिनट पर धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे.

मकर संक्रांति 2024 का पुण्यकाल - सुबह 07:15 मिनट से शाम 06:21 मिनट तक


Makar Sankranti 2024 Date and Time : मकर संक्रांति कब है, जानिए यह पर्व कितना है खास
फ़ोटो- हैप्पी मकर संक्रांति 

मकर संक्रांति क्या है|Makar Sankranti kya hai

मकर संक्रांति हिंदू धर्म का बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्योहार है, इस दिन गंगा में स्नान और दान करने का अपने आप मे महत्व है. यह त्योहार प्रत्येक वर्ष जनवरी माह के 14वें या 15वें दिन ही पड़ता है. देश भर में इस त्यौहार को कई अलग-अलग गणगौर, मेघा बहु, खिचड़ी, तिल-गुड़ और खिचिया-पुड़ी इत्त्यादि नामों से जाना जाता है।

मकर संक्रांति का त्यौहार चंद्रमा की विभिन्न स्थितियों के आधार पर मनाए जाने वाले अन्य हिंदू त्योहारों में से एक है. लेकिन इसकी गणना चंद्र कैलेंडर के बजाय सौर कैलेंडर के अनुसार की जाती है. हिन्दू रीति के हिसाब से मकर संक्रांति के बाद दिन बड़े होने लगते हैं और रातें छोटी होने लगती हैं, और उत्तर भारत मे ठंड कम होने लगती. यह त्योहार एक संक्रांति त्योहार है. इस दिन 'दिन' और 'रात' बराबर होने से वसंत ऋतु का आगमन शुरू हो जाता है।


मकर संक्रांति का क्या अर्थ है- Meaning of Makar Sankranti

इस पर्व का अर्थ "मकर" राशि में सूर्य का स्थानांतरण होना है और "संक्रांति" का शब्द स्थानांतरण को दर्शाता है। इस दिन को विशेष रूप से मनाया जाता है क्योंकि इस दिन सूर्य उत्तरायण की दिशा में अपनी यात्रा प्रारंभ करते है, जिससे दिन का समय बढ़ने लगता है और रात्रि का समय कम होता  चला जाता है।


मकर संक्रांति क्यों मनाई जाती है- Why celebrate Makar Sankranti

"मकर संक्रांति" को मनाने के पीछे कई कारण हैं, यह पर्व हिन्दू पंचांग में सूर्य के "मकर राशि" में प्रवेश करने के समय  को दिखाता है और इसे एक नये "सौर वर्ष" की शुरुआत के रूप में माना जाता है। 'मकर संक्रांति' को सूर्य का उत्तरायण होने से दिन का समय बढ़ता है और रात्रि का समय कम होता है। यह अद्भुत परिवर्तन लोगों को नये ऊर्जा और आत्मा की ऊर्जा का अहसास कराता है, सम्पूर्ण, मकर संक्रांति एक ऐसा पर्व है जो समृद्धि, समरसता, और पौराणिक मान्यता के साथ मनाया जाता है।


Makar Sankranti 2024 Date and Time : मकर संक्रांति कब है, जानिए यह पर्व कितना है खास
फ़ोटो- हैप्पी मकर संक्रांति

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व- Scientific Importance of Makar Sankranti

मकर संक्रांति का वैज्ञानिक महत्व है क्योंकि यह एक सौर महीने का समापन है और सूर्य की उत्तरायण यात्रा की शुरुआत को सूचित करता है। यह घटना सौरमंडल और पृथ्वी के गति के साथ संबंधित है और इससे कई वैज्ञानिक प्रभाव उत्पन्न होते हैं जैसे-

1. सूर्य की उत्तरायण का संकेत: 

मकर संक्रांति पर्व में सूर्य देवता का मकर राशि में प्रवेश करना है, जो सूर्य की उत्तरायण यात्रा की शुरुआत है। यह हमें सौर प्रणाली में घटित आकृति और गति के साथ जुड़े तंतुत्व को समझने में मदद करता है।

2. सौर महीने का समापन: 

मकर संक्रांति सौर महीने का समापन को सूचित करता है, जो लगभग 30 दिन का होता है। इससे हम सौर मंडल की गति और पृथ्वी के गति को समझ सकते हैं।

3. ऋतु बदलना: 

मकर संक्रांति के बाद सूर्य की किरणें उत्तरी गोलार्द्ध में अधिक प्रभावी होती हैं, जिससे ऋतुओं में परिवर्तन होता है। यह वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्ध के बीच वायुमंडल में उत्तरायणी और दक्षिणायनी वायु माध्यमों के बीच तापमान में परिवर्तन को समझाता है।

4. दिन की लंबाई बढ़ना: 

मकर संक्रांति के बाद दिन की लंबाई बढ़ना शुरू होता है, जिससे दिन का समय बढ़ता है और रात्रि का समय कम होता है। यह वैज्ञानिक रूप से दिन-रात्रि के साइकिल को समझने में मदद करता है।

इस प्रकार, मकर संक्रांति वैज्ञानिक परिदृष्टि से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे सौर मंडल और पृथ्वी के गति संबंधित प्रक्रियाओं को समझने में मदद होती है।


Makar Sankranti 2024 Date and Time : मकर संक्रांति कब है, जानिए यह पर्व कितना है खास
फ़ोटो- हैप्पी मकर संक्रांति

मकर संक्रांति कहां मनाया जाता है- Where is Makar Sankranti Celebrated

मकर संक्रांति को पूरे भारतवर्ष में विभिन्न रूपों में मनाया जाता है और यह पर्व देश के विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न नामों से मनाया जाता है।

1. उत्तर भारत: 

उत्तर भारतीय राज्य उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में, यह पर्व "किचड़ी संक्रांति" के नाम से मनाया जाता है। इस दिन लोग खाद्य बनाने के लिए चावल, उड़द दाल, और तिल का उपयोग करते हैं और स्नान करते हैं।

2. दक्षिण भारत:

दक्षिण भारतीय राज्य तमिलनाडु में, यह पर्व "पोंगल" के नाम से मनाया जाता है। यह एक सांस्कृतिक और कृषि से जुड़ा हुआ पर्व है जिसमें खाद्य बनाने के लिए नई फसलों की शुरुआत की जाती है

3. पंजाब और हरियाणा: 

मकर संक्रांति को पंजाब और हरियाणा में "लोहड़ी" के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोग बोन फायर जलाते हैं, गीत गाते हैं और सरसों के साग और मक्के की रोटियाँ बनाते हैं।

4. असम: 

मकर संक्रांति को असम में  "माघ बिहु" या "भोगाली बिहु" के नाम से मनाया जाता है। यह एक बड़ा और धूमधाम से मनाया जाने वाला पर्व है जिसमें लोग खेतों में बैलगाड़ी रेस, मक्का-भूटा, और बिहू नृत्य का आनंद लेते हैं।

इस प्रकार, भारत में "मकर संक्रांति" को विभिन्न रूपों में मनाने की परंपरा है जो स्थानीय सांस्कृतिक और लोकप्रियता के अनुसार बदलती है।

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