Vitamin-D :विटामिन डी की कमी से कौन सी बीमारी होती है? जानिए! विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करे
हमारे शरीर मे विटामिन डी की कमी होने पर थकान, मांसपेशियों व जोड़ों में तीखा दर्द महसूस होता हैं। जिससे चिंता व अवसाद से ब्लड प्रेसर बढ़ता है, और अन्य कई समस्याएं मनुष्य को घेरने लगती है। इसलिए सही समय पर विटामिन डी की कमी को पहचान कर इसकी कमी को दूर करना अति आवश्यक हो जाता हैं। इसलिये इस आर्टिकल में हम विटामिन डी की कमी के लक्षण, इसकी कमी से होने वाले बीमारी और उसे दूर करने के उपायों को बताने जा रहे।
विटामिन डी की कमी के लक्षण
मनुष्य के शरीर मे जब विटामिन डी की कमी होने लगती है तो उसे ये निम्नलिखित दस लक्षण दिखाई पड़ते है-
लक्षण | विवरण |
---|---|
सहनशीलता में कमी आना | अधिक थकान, कम ऊर्जा का अहसास |
रोग प्रतिरोधक क्षमता में कमी आना | बार-बार बीमार होना, संक्रमणों का ज्यादा होना |
हाई ब्लड प्रेसर होना | उच्च रक्तचाप |
चिंता और अवसाद में रहना | मनोवैज्ञानिक समस्याएं, उदासीनता, चिंता |
बालों का झड़ना | बालों का अत्यधिक झड़ना |
जल्दी से थक जाना | अत्यधिक थकान, ऊर्जा की कमी |
घाव जल्दी से ना भरना | घावों का बढ़ा हुआ समय लेना |
मांसपेशियों में दर्द होना | मांसपेशियों में दर्द और असहजता |
हड्डियों के घनत्व में कमी होना | हड्डियों की कमजोरी, दर्द और स्थिरता में कमी |
पुराने दर्द बार बार होना | पुराने दर्दों का बार-बार दोहराव |
Vitamin-D: ये है विटामिन डी की कमी के लक्षण, जानिए! |
विटामिन डी के कमी को कैसे दूर करे
सबसे पहले हम यह जानेंगे कि विटामिन डी हमारे शरीर में कैसे पहुंचता है तभी हम विटामिन डी की कमी को कैसे दूर कर सकते है, इसको समझ पाएंगे।
विटामिन डी हमारे बॉडी में कैसे पहुंचता है
विटामिन डी दो माध्यमो से हमारे शरीर में पहुंचता है पहला जब हम सूर्य के प्रकाश में होते हैं तब हमारा शरीर विटामिन डी को बनाता है ,और दूसरा जब हम विटामिन डी युक्त भोजन को ग्रहण करते हैं।
उपयुक्त दोनों तरीके से आए हुए विटामिन डी हमारे लीवर तक पहुंचाते हैं उसके बाद उन्हे किडनी में भेजा जाता है और फिर किडनी विटामिन डी को "एक्टिव विटामिन डी" में बदलता है जो हमारे शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को करता है।
विटामिन डी के स्रोत
- 10 से 30 मिनट के लिए सप्ताह में तीन-चार दिन धूप में रहना विटामिन डी के स्तर को बढ़ाता है।
- धूप में रहने का सही समय सुबह 8AM से दोपहर 3PM होता है।
- सनस्क्रीन विटामिन डी को नहीं बनने देता है I इसलिए इसका प्रयोग करने से बचे।
- ट्रांसपेरेंट खिड़कियों से आने वाली धूप से विटामिन डी नहीं बनता है ।
- लंबे समय से किडनी और लिवर रोग से ग्रसित लोगों में विटामिन डी की कमी आ जाती है अतः इनका ट्रीटमेंट लेते रहें।
- अपना वजन संतुलित बनए रखें। रोजाना व्यायाम करें।
- विटामिन डी सप्लीमेंट खाएं (डॉक्टर की सलाह पर विटामिन डी की दवा ले सकते हैं शुरू में 50,000 IU की एक गोली सप्ताह में एक बार खानी होती हैं जो डॉक्टर की सलाह पर 3 से 12 सप्ताह तक चलती है) उसके बाद जरूरत के अनुसार 800 IUकी गोली हर रोज चलती है जब तक विटामिन डी के स्तर का सुधार न हो जाए । (नोट:-विटामिन डी की गोली के साथ कैल्शियम का लेना अति आवश्यक है क्यों किया दोनों साथ में काम करते हैं)
- विटामिन डी का इंजेक्शन लगवाएं, विटामिन डी का एक छोटा सा इंजेक्शन लगभग 6 महीने तक काम करता है।
- यह बहुत ही प्रभावी और सुविधाजनक उपचार है। यह उन लोगों के लिए बहुत उपयोगी होता है, जो हर महीने दवा नहीं खाना चाहते हैं या जो लोग समय पर दवा लेना भूल जाते हैं।
- विटामिन डी युक्त खाद्य पदार्थ मछली विटामिन डी का सबसे अच्छा स्त्रोत माना जाता है। कॉड (एक प्रकार की मछली) के लिवर का तेलमशरूम, अंडा, दूध, कलेजी (लिवर), पनीर, डेरी उत्पाद, संतरे का जूस, सोया मिल्क, अनाज आदि।
विटामिन डी की कमी से होने वाले रोग
- रिकेट्स (Rickets): विटामिन डी की कमी से शिशुओं में रिकेट्स हो सकता है, जिसमें हड्डियों का विकास ठीक ढंग से नहीं होता है।
- ओस्टियोपोरोसिस (Osteoporosis): यह एक रोग है जिसमें हड्डियों की कुम्भक मात्रा कम हो जाती है, और हड्डियां कमजोर हो जाती हैं।
- मांसपेशियों की कमी: विटामिन डी की कमी से मांसपेशियों की कमी हो सकती है, जिससे कमजोरी और थकान बनी रहती है।
- डायबिटीज (Diabetes): कुछ अध्ययनों में देखा गया है कि विटामिन डी की कमी से मधुमेह का खतरा बढ़ सकता है
- हृदय रोग: विटामिन डी की कमी से हृदय से संबंधितरोगों का खतरा भी बढ़ जाता है।
- स्वास्थ्य में कमी: विटामिन डी की कमी से आपको स्वास्थ्य से संबंधित कई अन्य समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि मानसिक स्वास्थ्य, गठिया, और आंखों के रोग इत्यादि।
डिस्क्लेमर- इस पोस्ट को मात्र सामान्य जानकरी के लिए लिखा गया है, अगर आपको विटामिन डी की कमी है तो डॉक्टर की सलाह से ही दवाइयों का सेवन करे।
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