जो सहस्त्रार्चन करना चाहे वे उतनी संख्या में सामग्री लें। अगर आप नवचण्डी या अन्य अनुष्ठान करवा रहें हैं तो ध्यान रखें किसी योग्य आचार्य से ही करवाये, जिसको संस्कृत व कर्मकाण्ड दोनों का ही ज्ञान हो, क्योंकि उच्चारण महत्वपूर्ण है उचित उच्चारण ना होने से आपको इक्षित ऊर्जा को प्राप्त करने में सफलता नही मिलेगी।
दुर्गा माँ के इन नामो आगे ओम और पीछे नमः लगाकर जाप करें। जैसे- ओम दुर्गा नमः
फलश्रुति-
य इदं प्रपठेन्नित्यं दुर्गानामशताष्टकम् ।
नासाध्यं विद्यते देवि त्रिषु लोकेषु पार्वति ।।
धनं धान्यं सुतं जायां हयं हस्तिनमेव च ।
चतुर्वर्गं तथा चान्ते लभेन्मुक्तिं च शाश्वतीम् ।।
कुमारीं पूजयित्वा तु ध्यात्वा देवीं सुरेश्वरीम् ।
पूजयेत् परया भक्त्या पठेन्नामशताष्टकम् ।।
तस्य सिद्धिर्भवेद् देवि सर्वैः सुरवरैरपि ।
राजानो दासतां यान्ति राज्यश्रियमवाप्नुयात् ।। गोरोचनालक्तककुङ्कुमेवसिन्धूरकर्पूरमधुत्रयेण।
विलिख्य यन्त्रं विधिना विधिज्ञो भवेत् सदा धारयते पुरारिः।।
माँ दुर्गा की फ़ोटो |
माँ दुर्गा के 108 नाम |
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"भौमावास्यानिशामग्रे चन्द्रे शतभिषां गते ।
विलिख्य प्रपठेत् स्तोत्रं स भवेत् संपदां पदम् ।।"
अर्थात- "इस स्तोत्र के लिए यह भी कहा गया है कि मंगलवारी अमावस्या में उजाला पाख में रात्रि के समय शतभिषा नक्षत्र में हो तो इस स्तोत्र का जो भी पाठ करता है वह अत्यंत संपदाओं का पाता है।"
पिछली बार यह मुहूर्त 2015 में पड़ा था, तो उस रात ग्रहण का सूतक लग गया था।
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