Bajrang Baan: बजरंग बाण का पाठ करने से मनुष्य के सारे कष्टों का नाश शीघ्र हो जाता है। बजरंग बाण का पाठ प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को करने से भगवान हनुमान प्रसन्न होते है और बजरंग बाण का पाठ करने वाले व्यक्ति को रोग, द्वेष मुक्त कर देते है। और मनुष्य सदा निरोगी रहता है। हम इस लेख में बजरंग बाण लिरिक्स और बजरंग बाण का पाठ करने से होने वाले लाभों को बताने जा रहे है।
बजरंग बाण पाठ |
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||~दोहा~||
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान।
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान
||~चौपाई~||
जय हनुमन्त सन्त हितकारी।
सुन ली जै प्रभु अरज हमारी।।
जन के काज विलम्ब न कीजै।
आतुर दौरि महासुख दीजै।।
जैसे कूदि सिन्धु महि पारा।
सुरसा बदन पैठि विस्तारा।।
आगे जाई लंकिनी रोका।
मारेहु लात गई सुर लोका।।
जाय विभीषण को सुख दीन्हा।
सीता निरखि परमपद लीन्हा।।
बाग़ उजारि सिन्धु महँ बोरा।
अति आतुर जमकातर तोरा।।
अक्षय कुमार को मारि संहारा।
लूम लपेट लंक को जारा।।
लाह समान लंक जरि गई।
जय जय धुनि सुरपुर में भई।।
अब विलम्ब केहि कारण स्वामी।
कृपा करहु उर अन्तर्यामी।।
जय जय लक्ष्मण प्राण के दाता।
आतुर होय दुख हरहु निपाता।।
जै गिरिधर जै जै सुखसागर।
सुर समूह समरथ भटनागर।।
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले।
बैरिहि मारु बज्र की कीले।।
गदा बज्र लै बैरिहिं मारो।
महाराज प्रभु दास उबारो।।
ऊँकार हुंकार प्रभु धावो।
बज्र गदा हनु विलम्ब न लावो।।
ॐ ह्रीं ह्रीं ह्रीं हनुमंत कपीसा।
ऊँ हुं हुं हुं हनु अरि उर शीशा।।
सत्य होहु हरि शपथ पाय के।
रामदूत धरु मारु जाय के।।
जय जय जय हनुमन्त अगाधा।
दुःख पावत जन केहि अपराधा।।
पूजा जप तप नेम अचारा।
नहिं जानत हौं दास तुम्हारा।।
वन उपवन, मग गिरिगृह माहीं।
तुम्हरे बल हम डरपत नाहीं।।
पांय परों कर ज़ोरि मनावौं।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।
जय अंजनि कुमार बलवन्ता।
शंकरसुवन वीर हनुमन्ता।।
बदन कराल काल कुल घालक।
राम सहाय सदा प्रतिपालक।।
भूत प्रेत पिशाच निशाचर।
अग्नि बेताल काल मारी मर।।
इन्हें मारु तोहिं शपथ राम की।
राखु नाथ मरजाद नाम की।।
जनकसुता हरिदास कहावौ।
ताकी शपथ विलम्ब न लावो।।
जय जय जय धुनि होत अकाशा।
सुमिरत होत दुसह दुःख नाशा।।
चरण शरण कर ज़ोरि मनावौ।
यहि अवसर अब केहि गोहरावौं।।
उठु उठु चलु तोहि राम दुहाई।
पांय परों कर ज़ोरि मनाई।।
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता।
ऊँ हनु हनु हनु हनु हनुमन्ता।।
ऊँ हँ हँ हांक देत कपि चंचल।
ऊँ सं सं सहमि पराने खल दल।।
अपने जन को तुरत उबारो।
सुमिरत होय आनन्द हमारो।।
यह बजरंग बाण जेहि मारै।
ताहि कहो फिर कौन उबारै।।
पाठ करै बजरंग बाण की।
हनुमत रक्षा करै प्राण की।।
यह बजरंग बाण जो जापै।
ताते भूत प्रेत सब काँपै।।
धूप देय अरु जपै हमेशा।
ताके तन नहिं रहै कलेशा।।
||~दोहा~||
*प्रेम प्रतीतहि कपि भजै, सदा धरैं उर ध्यान।*
*तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्घ करैं हनुमान।।*
बजरंग बाण के चमत्कार
बजरंग बली बल और बुद्धि के देवता है इसलिए बजरंग बाण का नियमित पाठ करने वाले मनुष्य के ऊपर भगवान हनुमान की विशेष कृपा दृष्टि होती है। बजरंग बाण का नियमित पाठ करने से मनुष्य की बुद्धि और बल विकास होता है, सभी प्रकार के रोगों का नाश हो जाता है। व्यक्ति को मानसिक पीड़ा से आजादी मिलती है। मन शांत रहता है। मन मे कभी भी नकारात्मक विचार प्रवेश नही कर पाते है। मनुष्य का सभी प्रकार से विकाश होता है।
बजरंग बाण का पाठ कितनी बार करना चाहिए
बजरंग बाण का पाठ प्रत्येक मंगलवार और शनिवार को सुबह सूर्य के निकलने से पहले पाठ करना बहुत ही लाभकारी होता है। लेकिन आप रोज बजरंग बाण का पाठ कर सकते है। बजरंग बाण का पाठ करने से पहले शारिरिक शुद्धता बहुत जरूरी है इसलिए बजरंग बाण का पाठ करने से पहले स्नान जरूर करें।
महिलाओं को बजरंग बाण का पाठ क्यों नहीं करना चाहिए
वैसे तो चाहे कोई महिला हो या पुरुष हो सबको अपने तरीके से पूजा पाठ का सामान अधिकार है, लेकिन शास्त्रों में हनुमान जी की पूजा करने के लिए कुछ विशेष प्रावधान है जिसमे कहा गया है कि भगवान हनुमान प्रत्येक स्त्री को अपनी माँ के समान मानते है और उनको यह बिल्कुल नही पसंद है कि कोई भी स्त्री उनके सामने झुके। हनुमान जी ब्रम्हचारी है, उनकी पूजा विशेष कर पुरूष ही करते है। हालांकि महिलाओं को बजरंग बली की पूजा करना पूर्ण रूप से वर्जित नही है, कुछ विशेष नियमो का पालन करके महिलाएं हनुमान जी पूजा कर सकती है।
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