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Biography of Maithilisharan Gupta: मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय

मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय:

मैथिलीशरण गुप्त, भारतीय साहित्य के एक महान कवि थे जिनकी रचनाएं राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करती थीं। उनके द्वारा रचित काव्य और साहित्य ने लोगों को गहरे भावों में ले गया और उन्हें एक अलग पहचान दी। इस लेख में, हम उनके जीवन, काव्य और साहित्यिक योगदान, भाषा शैली, रचनाओं को विस्तार से जानेंगे।
    मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय | Biography of Maithilisharan Gupta
    मैथिलीशरण गुप्त का जीवन परिचय

     जीवन परिचय 

    मैथिलीशरण गुप्त जी का जन्म 21 अगस्त, 1886 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था। उनके पिता का नाम 'गंगाप्रसाद गुप्त' था, और माता का नाम 'बिबी राजबल देवी' था। उन्होंने अपनी शिक्षा को वाराणसी में पूरा किया और वहां के बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से मास्टर्स डिग्री प्राप्त की।
    जीवन परिचय
    नाममैथिलीशरण गुप्त
    जन्म21 अगस्त, 1886
    जन्मस्थानवाराणसी, उत्तर प्रदेश
    पितागंगाप्रसाद गुप्त
    माताबिबी राजबल देवी
    पति का नामश्रीमती सरजू देवी
    बच्चेउर्मिल चरण गुप्ता
    मृत्यु तिथि12 दिसम्बर 1964
    मृत्यु की उम्र78 वर्ष
    राष्ट्रीयताभारतीय
    व्यवसायनाटककार, कवि, राजनेता, अनुवादक
    मुख्य भाषाखड़ीबोली, ब्रजभाषा
    प्राथमिक शिक्षाचिरगाँव, मैकडोनाल्ड हाई स्कूल झांसी (उत्तर प्रदेश)

    मैथिलीशरण गुप्त की काव्य एवं रचनाएँ

    गुप्तजी के द्वारा रचित काव्य और उपन्यास उनके समय के लोगों में बहुत पसंद किए जाते थे। उनकी कविताएं राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करती थीं और लोगों को गहरे भावों में ले जाती थीं। उनके प्रसिद्ध काव्य संग्रह में "भारत-भारती", "जयशंकर प्रसाद" और "कर्मयोगिनी" शामिल हैं। इनमें से "भारत-भारती" उनका प्रसिद्धतम काव्य संग्रह माना जाता है।

    रचनाएँ-

    रचनाएँ
    भारत-भारती
    यशोधरा
    साकेत
    पंचवटी
    जयद्रथ वध
    रंग में भंग
    गुरुकुल
    किसान
    हिन्दू
    चन्द्रहास
    मंगल घट
    कुणाल गीत
    मेघनाथ वध
    जय भारत
    द्वापर
    सिद्धराज
    अनघ
    झंकार
    नहुष
    पृथ्वीपुत्र

    मैथिलीशरण गुप्त के साहित्यिक योगदान

    मैथिलीशरण गुप्त ने भारतीय साहित्य में अपने योगदान से उन्हें विशेष पहचान दिलाई। उनकी रचनाओं में देशभक्ति, प्रकृति प्रेम, और राष्ट्रीय भावनाएं प्रकट होती थीं। उनके कविताओं में छिपी रही राष्ट्रीय भावनाएं आज भी लोगों के दिलों को छू रही हैं। उन्होंने देश के महान संतों और महापुरुषों के जीवन को अपनी रचनाओं में समाहित किया और उन्हें सम्मानित किया।

    भारतीय साहित्य में योगदान

    मैथिलीशरण गुप्त ने भारतीय साहित्य में अपने अमूल्य योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। उनकी कविताएं भारतीय साहित्य के स्वर्णिम पन्नों में लिखी गई हैं और आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं।

    निष्कर्ष

    इस लेख में, हमने मैथिलीशरण गुप्त के जीवन परिचय को विस्तार से समझाया है। उनके काव्य और साहित्यिक योगदान ने भारतीय साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। उनकी कविताओं में छिपी रही राष्ट्रीय भावनाएं और जागरुकता आज भी हमारे दिलों को छू रही हैं।

    FAQs (मैथिलीशरण गुप्त)

    Q: मैथिलीशरण गुप्त का जन्म कब हुआ था?
    A: गुप्तजी का जन्म 21 अगस्त, 1886 में वाराणसी, उत्तर प्रदेश में हुआ था।

    Q: उनके पिता का नाम क्या था?
    A: पिता का नाम गंगाप्रसाद गुप्त था।

    Q: किस कारण उन्होंने साहित्यिक यात्रा की शुरुआत की?
    A: मैथिलीशरण गुप्त, भारतीय साहित्य के एक महान कवि थे जिनकी रचनाएं राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करती थीं। उनके द्वारा रचित काव्य और साहित्य ने लोगों को गहरे भावों में ले गया और उन्हें एक अलग पहचान दी।

    Q: उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में कैसा योगदान दिया?
    A: मैथिलीशरण गुप्त ने भारतीय साहित्य में अपने योगदान से उन्हें विशेष पहचान दिलाई। उनकी रचनाओं में देशभक्ति, प्रकृति प्रेम, और राष्ट्रीय भावनाएं प्रकट होती थीं।

    Q: उन्हें किस पुरस्कार से सम्मानित किया गया?
    A: मैथिलीशरण गुप्त को भारतीय साहित्य में अपना अमूल्य योगदान के लिए विभिन्न पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

    Q: मैथिलीशरण गुप्त की प्रसिद्ध कविता "भारत-भारती" का क्या महत्व है?
    A: गुप्तजी के द्वारा रचित काव्य और उपन्यास उनके समय के लोगों में बहुत पसंद किए जाते थे। उनकी कविताएं राष्ट्रीय भावनाओं को प्रकट करती थीं और लोगों को गहरे भावों में ले जाती थीं। उनके प्रसिद्ध काव्य संग्रह में "भारत-भारती", "जयशंकर प्रसाद" और "कर्मयोगिनी" शामिल हैं।

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