भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान विभाग (ISRO) ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की, ISRO ने किया री-यूज़एबल लांच वेहिकल का किया सफल परीक्षण
Photo: isro social media |
क्या है ISRO का RLV LEX ऑटोनोमस री- यूजेबल लांच वेहिकल
RLV's autonomous approach and landing pic.twitter.com/D4tDmk5VN5
— ISRO (@isro) April 2, 2023
ISRO के इस प्रयास से अंतरिक्ष मे होने वाले कचरे से छुटकारा मिलेगा, वास्तव में दुनिया का कोई भी देश जब सेटेलाइट को स्पेस में छोड़ता है तब वह अपनी सेटेलाइट के साथ अंतरिक्ष मे जाने अनजाने में बहुत सारा कचरा भी छोड़ देता है , क्योंकि जो भी रॉकेट सेटेलाइट को स्पेस में लेकर जाता है वह राकेट भी स्पेस में ही रह जाता है जिसका उपयोग कुछ नही होता है वर्तमान समय मे दुनिया के कई देश इस अंतरिक्ष मे होने वाले कचरे से बहुत ज्यादा चिंतित है। रीयूजएबल लॉच सिस्टम की मदद से अंतरिक्ष मे होने वाले कचरे को कम किया जा सकेगा।
चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से परीक्षण किया गया
प्रोटोटाइप क्या होता है?
Reaching for the stars, together with @isro
— Indian Air Force (@IAF_MCC) April 2, 2023
The IAF's trial team which participated in today's successful Reusable Launch Vehicle Autonomous Landing Mission (RLV LEX) at Chitradurga was headed by an #IAF woman officer who is a Flight Test Engineer at ASTE.#NaariShakti@IAFTPS pic.twitter.com/WE7cDrvI2M
RLV LEX कौन-कौन सी एडवांस टेक्नोलॉजी से लैस है-
- सटीक नेविगेशन
- नाविक (NaviK) रिसीवर
- हार्डवेयर और साफ्टवेअर
- स्वदेशी लैंडिंग गियर
- स्यूडो लाइट सिस्टम
- ऐरो फिल हनी-कॉम्ब फिन
- का- बैंड राडार अल्टीमीटर
- पैराशूट ब्रेक सिस्टम
कौन-कौन से देशो के पास रॉकेट Reusable टेक्नोलॉजी है
ISRO Chairman Name List (Since 1969 to 2023)
- विक्रम अमिताभ (1969-1971)
- प्रो. उर्फना जयरामन (1972-1984)
- प्रो. सतीश धवन (1984-1991)
- कोट्टयम विश्वनाथान (1991-1994)
- प्रो. विजय राघवान (1994-1999)
- कुरुमबा रामनाथ (1999-2003)
- प्रो. माधव गोविंद कार्तिक (2003-2009)
- प्रो. के राधाकृष्णन (2009-2014)
- एस. एच. शर्मा (2014-2016)
- एस. के. शिवन (2016-2021)
- डॉ. के सिवान (2021-2022)
- सोमनाथ भारती (2022- वर्तमान)
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