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India-Bangladesh Friendship - भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत,

India-Bangladesh Friendship बांग्लादेश ने अपने चिट्टागोंग सी पोर्ट और सिल्हेत एयरपोर्ट को, भारत को प्रयोग करने का दिया ऑफर

बांग्लादेश से भारत के लिए बड़ी खुशखबरी आयी है ,बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को अपने पोर्ट को प्रयोग करने का नेवता दिया है, यह भारत की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है क्योंकि बांग्लादेश के इस पोर्ट पर चीन की नजरें थी, जिसे बांग्लादेश ने भारत को प्रयोग करने का आमंत्रण दिया है।

बांग्लादेश ने अपने चिट्टागोंग और सिल्हेत पोर्ट को, भारत को प्रयोग करने का दिया ऑफर बांग्लादेश के इस पोर्ट पर चीन की नजरें थी, जिसे बांग्लादेश ने भारत को प्रयोग करने का आमंत्रण दिया है।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना | फ़ोटो: सोशल मीडिया


बांग्लादेश ने भारत को चिट्गोंग और सिल्हेत पोर्ट क्यों दिया?

बांग्लादेश ने अपना पोर्ट भारत को क्यों दिया इसका जवाब जानने के लिए हमे सबसे पहले इन दोनों पोर्टो की लोकेशन को जानना होगा क्योंकि इनकी लोकेशन ही मुख्य कारण है जिसकी वजह से  बांग्लादेश देश ने अपने चिट्गोंग और सिल्हेत पोर्ट को भारत को देने का फैसला किया है।

चिट्गोंग पोर्ट की लोकेशन

भारत के पूर्व में बांग्लादेश बसा हुआ है जोकि अपने कटे फटे कोस्टल क्षेत्र के लिए जाना है और बांग्लादेश में पूर्व में चिट्गोंग बंदरगाह है और इस चिट्गोंग बंदरगाह के बगल भारत का मिज़ोरम राज्य अपना सीमा साझा करता है। भारत को अगर मिज़ोरम में कोई भी सामान पहुचाना होता है तो भारत को बहुत लंबा जमीनी रास्ता तय करना पड़ता है, और सामान पहुँचने में कई दिनों का समय लगता है।

और अगर भारत सामान भेजने के लिए समुद्री मार्ग का चुनाव करता था तो वह बांग्लादेश से सटे म्यामांर सितवे पोर्ट पर भेजता था फिर सामान म्यामार से मिज़ोरम पहुचता था लेकिन जब भारत सामान भेजने के लिए म्यामांर का प्रयोग करता था तब यह बात बांग्लादेश को पचती नही थी इसीलिए बांग्लादेश ने भारत से अपनी मित्रता को और मजबूत करने के लिए अपना चटोग्राम पोर्ट को भारत को मिज़ोरम में सामान पहुचाने के लिए प्रयोग करने का ऑफर दिया है।

चिट्गोंग सी पोर्ट दुनिया के पोर्टो में सबसे व्यस्त पोर्टो में गिना जाता है
अभी तक भारत मिज़ोरम तक खाद्यान्न पहुचाने केलिए म्यांमार के सितवे पोर्ट का इस्तेमाल करके मिजोरम की राजधानी आईजोल तक सामान को पहुँचा देता था ,जिसे कलादान मल्टी मॉडल प्रोजेक्ट के नाम से जाना जाता है।

सिल्हेत ( sylhet) एयरपोर्ट की लोकेशन

बांग्लादेश में सिल्हेत एयरपोर्ट का निर्माण चीनी कंपनी के द्वारा किया गया था इसकी लोकशन ऐसी है जो भारत के चिंता करने का विषय थी क्योंकि सिल्हेत एयरपोर्ट भारत के मेघालय और त्रिपुरा से सीमा साझा करता है, और चीन ने इस एयरपोर्ट का निर्माण किया था जिसका प्रयोग वह भारत विरोधी गतिविधियों के लिए कर सकता था।

लेकिन बांग्लादेश ने इस एयरपोर्ट को भारत को इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी जो कि भारत के किसी कूटनीतिक जीत से कम नही है।

पोर्ट का मिलने से भारत की कूटनीतिक जीत कैसे?

बांग्लादेश ने अभी हाल ही में चीनी कंपनी द्वारा निर्मित अपना सबमरीन पोर्ट कमिसन किया है जहाँ पर वह चीन निर्मित सबमरीन्स को रखता, यह पोर्ट चिट्गोंग पोर्ट से दक्षिण में , जहा एक ओर बांग्लादेश ने चीन को अपना सबमरीन पोर्ट इस्तेमाल करने के लिए दिया वही दूसरी तरफ उसने चिट्गोंग पोर्ट को भारत को प्रयोग करने के आफर दे दिया , और बांग्लादेश ने इस तरह दोनों देशों के साथ संतुलन बना लिया।


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