Right to Health Bill - क्यों हो रहा है राइट टू हेल्थ बिल का विरोध

राजस्थान के डॉक्टर कर रहे है राइट टू हेल्थ विरोध

राजस्थान सरकार द्वारा पेश किया गया राइट टू हेल्थ बिल जिसे राजस्थान के डॉक्टर राइट टू किल बिल कह रहे हैं इस आर्टिकल में हम राजस्थान सरकार द्वारा पेश किए गए राइट टू हेल्थ बिल के सभी अच्छे और खराब पहलुओं पर चर्चा करेंगे आखिर क्यों इसका विरोध हो रहा है और इससे जनता को क्या फायदा होगा।


राइट टू हेल्थ
फ़ोटो: राइट टू हेल्थ

राइट टू हेल्थ बिल क्या है

जैसा कि भारतीय संविधान में आर्टिकल फोर्टी सेवन (47) के तहत सभी नागरिकों के लिए देश मे अच्छे इलाज के लिए प्रावधान किया गया है ,उसी आर्टिकल-47 का प्रयोग करते हुए राजस्थान सरकार ने राइट टू हेल्थ बिल को  राजस्थान में लागू करना चाहती है लेकिन राजस्थान के डॉक्टर इस बिल का विरोध कर रहे हैं क्योंकि इस बिल में राजस्थान सरकार ने यह  प्रावधान किया है कि राज्य के सभी लोगों को राज्य के अंदर किसी भी अस्पताल में इमरजेंसी में भी चाहे वह सरकारी हो या प्राइवेट हो उसमे उसका इलाज मुफ्त में किया जाएगा ।

राजस्थान के डॉक्टर क्यों कर रहे है इसका विरोध

सरकार द्वारा उठाया गया कदम बहुत ही सराहनीय है तो डॉक्टर इसका विरोध क्यों कर रहे हैं यह सोचने वाली बात है अगर गौर से सोचा जाए तो क्या बात सामने आती है डॉक्टर जिस बात का विरोध कर रहे हैं उनकी बातें भी सही है।


क्योंकि अगर प्राइवेट अस्पतालों की बात की जाए तो इस पर सरकार का कोई हक नहीं होता है , जिनकी निर्माण की पूरी व्यवस्था किसी गैर सरकारी व्यक्ति के द्वारा की जाती है उस अस्पताल में जितने भी जांच उपकरण होते हैं उन सब उपकरणों की व्यवस्था अस्पताल प्रशासन अपनी तरफ से करता है तो वह उसका इस्तेमाल किसी के इलाज में मुफ्त में क्यों करें ।


सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों को मुफ्त में इलाज किए गए लोगों पर हुए खर्चे का अस्पताल को देने का कोई विवरण नहीं बनाया है जिसका डॉक्टर विरोध कर रहे हैं कि हम इलाज तो कर देंगे लेकिन सरकार हमें यह तो बता दे वह हमें इलाज में खर्च हुए पैसे को कैसे देगी। 


और सरकार ने इस बिल में यह भी जिक्र किया है कि अगर वही व्यक्ति इमरजेंसी के अंदर प्रवेश करता है तो डॉक्टर उसका इलाज मुफ्त में करेगा और इलाज ना कर पाने की स्थिति में उस मरीज को अपने पैसे से एंबुलेंस की व्यवस्था करके दूसरी जगह रेफर करेगा। 


डॉक्टरों का कहना है कि इस प्रकार की योजनाएं लागू होने से राज्य के 65 प्रतिशत से अधिक हॉस्पिटल खराब हो जायेगे , और डॉक्टरों पर कोई भी व्यक्ति इलाज करवाने का दबाव बना सकता है, राजस्थान के डॉक्टर का कहना है कि यदि सरकार इस योजना को लागू करती है तो हम प्रदेश को छोड़कर बगल के राज्य में चले जायेगे।


सोचिए यह स्तिथि कितनी गंभीर होगी । उनका कहना है कि इलाज पर सबका हक है लेकिन हमारी सुरक्षा की जिम्मेदारी का कोई प्रावधान नही है कल को कोई जबरदस्ती से हमसे इलाज करवा सकता है।


इसके पहले राजस्थान सरकार ने चिरंजीवी योजना को लागू किया था

केंद्र सरकार ने आयुष्मान भारत योजना के तहत देश की गरीब जनता के लिए 500000 की मुफ्त इलाज की सुविधा दिया था ,लेकिन इस योजना को राजस्थान सरकार ने 5 लाख के बजाय 10 लाख तक के इलाज को मुफ्त कर दिया था और फिर पिछली बजट में इस धनराशि को 25 लाख कर दिया यह योजना राजस्थान सरकार की बहुत ही सफल योजना रही है जिसमे गरीब जनता का इलाज मुफ्त में किया जाता है।


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