Saradha chit fund full case study : क्यों हुआ था शारदा चिट फण्ड स्केम जानिये! पूरी कहानी

Saradha chit fund case full case study|जानिये कैसे हुआ था शारदा चिट फण्ड स्कैम

घोटाले में पश्चिम बंगाल की शारदा चिट फण्ड कंपनी ने करीब 10 लाख लोगों से ठगी की थी इस घोटाले में कई सियासी तार भी जुड़े हुए हैं जो आए दिन खबरों में आते रहते हैं बंगाल की राजनीति में भी यह लोग जुड़े हुए हैं इनका नाम अक्सर शारदा घोटाले में आता रहता है।

घोटाले में पश्चिम बंगाल की शारदा चिट फण्ड कंपनी ने करीब 10 लाख लोगों से ठगी की थी इस घोटाले में कई सियासी तार भी जुड़े हुए हैं जो आए दिन खबरों में आते रहते हैं बंगाल की राजनीति में भी यह लोग जुड़े हुए हैं इनका नाम अक्सर शारदा घोटाले में आता रहता है।
Sarandha chitt fund case study


शारदा घोटाले में आम लोगों को ठगने के लिए अनेक प्रकार के लुभावने आफर भी दिए गए सागौन से जुड़े हुए बांड्स में निवेश करने से 25 साल में मुनाफा 34 प्रतिशत देने का वादा किया गया और आलू के करोबार में निवेश के जरिये 1 महीने में रकम को दुगुना करने का लालच दिया गया

शारदा चिट फण्ड घोटाला 2460 करोड़ रु का था। जिसके पीछे सुदीप्त सेन नामक व्यक्ति था। इस घोटाले में इससे जुड़े 200 से अधिक एजेंटो और अधिकारियों ने आत्महत्या कर ली क्योंकि शारदा से जुड़ने वाले ज्यादातर लोग निम्न आय वर्ग से आते थे ,और उन्होंने अपने जीवन भर की जमा पूंजी इसमें लगा थी जो कि डूब गई अब उनके पास मात्र आत्महत्या ही एकमात्र रास्ता था।

शारदा(saradha) चित्त फण्ड घोटाले की शुरूआत कैसे हुयीं

सुदीप्त सेन ने लोगो को चेन रूप में जोड़ने या जिसे पोंजी स्कीम कहते है ,के लिये लोगो उनके पैसे को डबल ,त्रिबल करने का सपना दिखाया, और लोग जुड़ भी गए क्योंकि सुदीप्त सेन लोगो के भावनाओं का फायदा उठाया उसने अपनी कंपनी का नाम शारदा रखा। 

क्योंकि बंगाल में शारदा को जो राम कृष्ण परमहंस की पत्नी का नाम था। शारदा को बंगाल में देवी की भांति पूजा जाता है। शारदा समूह की स्थापना वर्ष 2006 में हुई, शारदा नाम को ग्रामीण जनता ने बहुत सम्मान दिया। सुदीप्त सेन ने ग्रामीणो को एजेंट बनाया और उन्हें 40-50% कमिसन देने का वादा भी किया।

एक तुरंत पहचानें वाले नाम, खगोलीय रिटर्न्स का वादा और  अति प्रेरित एजेंटो ने शारदा समूह को जल्द ही बंगाल के बाहर उड़ीसा, असम , त्रिपुरा, छस्तीसगढ़ में फैलाने में मदद की।

कंपनी ने जुटाए गए पैसो से ब्रांड वैल्यू बढ़ाई और मिथुन चक्रवर्ती जैसे बड़े लोगो को अपना ब्रांड एम्बेसडर बनाया ,स्थानीय समाचार पत्रों, fm में खूब निवेश किया । इसने बंगाल के फुटबाल क्लबो में भी खूब निवेश किया और तो और इसने फुटबाल के दिग्गज खिलाड़ी मेस्सी को भी फुटबाल खेलने के लिये बुला लिया।

कैसे संचालित होता था शारदा घोटाला

किसी भी पोंजी योजना के अंतर्गत शारदा समूह भी नए निवेशकों से धन को लेकर पुराने निवेशकों को धन वापस करता था । 

और इसने एक डमी ऑटोमोबाइल कंपनी बनाई थी जिसने अगर कोई निवेशक इससे यह पूछता की आप मेरे पैसे को कहा इनवेस्ट करेंगे तो ये उन्हें यही नकली कंपनी दिखा देता था ,उसने 150 से अधिक कर्मचारी केवल दिखाने के लिए रखे हुए थे। और जॉब कोई कंपनी देखने लिए आता था तब ये नकली कर्मचारी झूठ मूठ के काम पर लग जाते थे।

सेबी ने कैसे पकड़ा शारदा घोटाला

सेबी ने जब शारदा समूह से ये बात पूछी की आप कहा पर पैसे इन्वेस्ट कर रहे हो तो इसका जवाब शारदा ग्रुप के पास नही था तब सेबी ने इसे अपनी सारी स्कीमो को बंद करने का नोटिस दिया फिर जाकर पूरा मामला उजागिर हुआ।

कौन है सुदीप्तो सेन?

लाखो लोगो के करोड़ो रूपये खा जाने के बाद भी किसी को शारदा समूह के चेयरमैन का पता नही है ,वो कहा रहता है,  इसकी कोई ऑफिसियल जानकरी किसी के पास नही है, लोगो का मानना है कि इसके पास कोलकाता के साल्ट लेक के पास 5 घर है जहाँ वो अकेला रहता है , बंगाल की मुख्यमंत्री ने भी कहा था कि मैन खुद सुना है कि सुदीप्तो सेन की तीन बीबियाँ है


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