क्या था सहारा इंडिया का स्कैम|What Was The Scam of Sahara India. Full Case Study
सहारा इंडिया वो कंपनी जो कभी भारतीय क्रिकेट टीम का स्पांसर हुआ करती थी, जो अपने आप मे एक बहुत बड़ी कंपनी थी जो कि इंडियन रेलवे के बाद कर्मचारियों के मामले में 2nd स्थान पर थी। तारीख़ थी 6 मई 2013 की जब देश के कोने कोने से भरकर, सैकड़ों बसों में लोग लखनऊ में इकट्ठा हुए जिनका मात्र मकसद था कि सब एक साथ खड़े होकर राष्ट्रगान गाकर वर्ल्ड रिकार्ड बनाएंगे उस समय तक यह रिकार्ड केवल पाकिस्तान के नाम था जिसे सहारा ने भारत के नाम किया।
Sahara scam |
किस किस सेक्टर में सहारा काम करती थी-
सहारा कंपनी देश की बड़ी प्राइवेट कंपनियों में शामिल थी जिसमें उसे कर्मचारियों की संख्या लगभग 11 लाख थी सहारा रियल स्टेट, इन्फ्राट्रक्चर ,हॉस्पिटैलिटी, फाइनेंस ,इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी ,मीडिया न्यूज़, इन सभी सेक्टर में काम करती थी और लगभग 11 सालों तक यह टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहा आईपीएल में पुणे वॉरियर्स टीम का मालिकाना हक बेसहारा के पास था।
एयर सहारा:-
एयर सहारा की शुरुआत सन 1991 में हुई और इसकी उड़ाने 1993 में शुरू हुई इसे 2007 में जेट एयरवेज ने खरीद खरीद लिया और जेटलाइट नाम से इसकी रीब्रांडिंग की।
न्यूज़ चैनल:-
सहारा ने अपना पहला न्यूज़ चैनल सहारा समय सन 2003 में शुरू किया इसके बाद उसने कई रीजनल चैनल और मूवी चैनल और एंटरटेनमेंट चैनल लांच की और सहारा वनमोशन के जरिए कई बॉलीवुड फिल्में भी रिलीज की गई।
एंबी वैली:-
10600 एकड़ में फैली सहारा एंबी वैली लोनावला में स्थित है एंबी वैली को भारत का पहला प्लांट हिल वैली भी कहा जाता है एंबी वैली सहारा का ड्रीम प्रोजेक्ट था।
कैसे बनी सहारा इंडिया कंपनी-
सहारा कंपनी के मालिक सुब्रतो राय का 1948 में बिहार के एक साधारण परिवार में हुआ था। 1978 में सुब्रतो राय ने अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर सहारा कंपनी की नींव रखी थी और 2014 में सहारा इंडिया इंडिया की दूसरी सबसे बड़ी कंपनी कर्मचारियों के रखने के मामले में बनी थी।
क्या था सहारा का बिजनेस मॉडल-
इनका बिज़नेस मॉडल कुछ ऐसा था कि 100 रुपए कमाने वाला व्यक्ति रोज इनके पास ₹20 जमा करता था और उनसे कहना था कि मैं 3 साल में यह पैसे आपके डबल कर दूंगा। कई सालों तक लोगों को रिटर्न्ड मिलता रहा जिससे सहारा पर लोगों को भरोसा बढ़ता गया सहारा कई फ्लैक्सिबल प्लान चलाता था और FD में 11 से 12% रिटर्न और ब्याज देने का वादा करता था सहारा ने गरीबों के सहारे अपने बिजनेस मॉडल को बढ़ाया और उसने उनके पैसे को डबल करने का सपना दिखाया कुछ लोगों को तो डबल पैसे मिले और जिन लोगों को यह डबल पैसे मिले वह इस कंपनी के एडवरटाइजर बन गए और लोगों में सहारा का भरोसा बढ़ता गया और गरीब इन्वेस्ट करता चला गया। इसने लोगों से पैसा इकट्ठा किया उसकी भूख बढ़ती चली गई और जब उसे लौटाने की बारी आई तो उन्हें एजेंट बनाने लग गया।
सहारा स्केम कैसे पकड़ा गया -
सहारा ने अपना आईपीओ मार्केट में लाने की तैयारी की और सारे ने लगभग 24000 करोड़ रुपए लेकर सेबी के पास पहुंचा और कहा कि हमारे पास लगभग 300 करोड़ लोगों का पैसा है जिसके द्वारा हम आईपीओ लेकर आना चाहते हैं।
सेबी ने सहारा से उन सभी का डाटा मांगा तो सहारा ने 127 ट्रक भर के डॉक्यूमेंट सेबी के मुख्यालय पहुंचा दिया जांच में पता चला कि यह सारे डॉक्यूमेंट फर्जी थे और यह डॉक्यूमेंट एक ही व्यक्ति के नाम से 10-10 डॉक्यूमेंट बने हुए थे।
मामला उस समय और तूल पकड़ लिया जब यह बात सामने आने लगी इस पैसे में कई पॉलिटिकल पार्टी की ब्लैक मनी भी है। सेबी सब कुछ समझ गया कि यह सब फर्जी है और सेबी ने सहारा से कहा कि यह जो 24000 करोड रुपए हैं इसको तो हम रखेंगे नहीं और ना ही आईपीओ लाने देंगे अब आप इस पैसे को 300 करोड़ लोगों को बांट दो जिसका नाम और पता आपने हमें दिया है, लेकिन अभी सहारा को लोग ही नही मिले जिसे वो पैसा लौटा सके।क्यों सहारा ने जिन लोगो का नाम सेबी को दिया था वो सब जाली था। मात्र 138 करोड़ रुपए सहारा अभी तक वापस लौटा पाया है।
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