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IMF WARNING :IMF की चेतावनी 2023 में एक तिहाई दुनिया होगी मंदी के चपेट में...

IMF की चेतावनी: 2023 में एक तिहाई दुनिया होगी मंदी के चपेट मे

दुनिया में जब बड़ी बैंकों का नाम लिया जाता है तो उनमें केवल दो ही बैंकों का नाम शामिल होता है एक वर्ल्ड बैंक और एक इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ जिसके अंदर ज्यादातर शेयर होल्डर्स यूरोपियन यूनियन और अमेरिकी देशो के पास है । हाल ही में आईएमएफ की हेड क्रिस्टीना जॉर्जिवा ने एक इंटरव्यू मे बयान दिया और कहा कि आने वाला 2023 बीत गए 2022 के मुकाबले काफी धीमा रहने वाला है।


IMF की चेतावनी: 2023 में एक तिहाई दुनिया होगी मंदी के चपेट में
IMF की चेतावनी: 2023 में एक तिहाई दुनिया होगी मंदी के चपेट में

Recession Probability Forecast-2023

Recession Probability Forecast-2023

विश्व की तीन बड़ी अर्थव्यवस्था आर्थिक मंदी का बनेगी कारण

                   NO.                   Country                                    
         1. अमेरिका
         2. यूरोपियन यूनियन
         3. चीन



दुनिया के तीन बड़ी अर्थव्यवस्था यूरोपियन यूनियन अमेरिका चीन इन दिनों के 3 बड़े देश अपनी अर्थव्यवस्था में सुस्ती देख रहे हैं जिसके कारण आईएमएफ की हेड का कहना है कि विश्व में मंदी आने के आसार नजर आ रहे हैं।
अमेरिका अमेरिका और शायद आर्थिक मंदी से बच जाए क्योंकि उनका फेडरल रिजर्व बैंक शायद अपनी ब्याज दरें बढ़ा दे लेकिन यूरोपियन यूनियन जो है रूस और यूक्रेन युद्ध से पूर्णतया प्रभावित जिससे
वहां पर मंदी आने के आसार लग रहे हैं और चाइना पिछले साल की तुलना में इस बार उसकी ग्रोथ और नीचे जाएगी।

मंदी क्या है?

मंदी का मतलब केवल इतना है कि नॉर्मल दिनों में ऐसे इंसानों के पास पैसे होते हैं उन पैसों की कमी हो जाना मंदी कहलाती है मंदी इंसान की जेब पर असर डालती है इकोनॉमिक्स की भाषा में समझा जाए तो अगर 1 वर्ष को चार क्वार्टर में डिवाइड किया जाए और लगातार दो तिमाही तक आर्थिक विकास की दर धीमी हो तो इसे आर्थिक मंदी कहते हैं।
 मंदी का मतलब केवल इतना सा है कि इंसान के पास पैसे कम होंगे और जब इंसान के पास पैसे कम होंगे तब इंसान अपने खर्चों में कटौती करेगा वाह उत्पादों का कम उपयोग करेगा जिसका असर कंपनियों पर पड़ेगा, जब कंपनियों के उत्पाद कम प्रयोग होंगे तो कंपनियां अपने प्रोडक्शन में कमी लाएंगे ,तो इसका सीधा असर वहां काम कर रहे कर्मचारियों को पड़ेगा कंपनियां अपने अंदर काम कर रहे कर्मचारियों की संख्या को घटा देगा जिससे तुलनात्मक रूप में बेरोजगारी का जन्म होगा स्थिति बिगड़ जाएगी इसे ही मंदी कहा जाता है। कहने का मतलब केवल इतना है कि मंदी अपने साथ कई कारक लेकर आती है जैसे महंगाई, बेरोजगारी ,धन की कमी, अर्थव्यवस्था की सुस्ती इत्यादि

IMF क्या है?

आईएमएफ ग्लोबल इकोनामी में स्थिरता बनाए रखने के लिए काम करता है अंतर्रष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की स्थापना 1944 में हुई जिसमें 190 देश मेंबर हैं आईएमएफ की स्थापना का मुख्य उद्देश्य गरीब देशों को उनके विकास के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए किया गया था।

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