What Is t+1 Settlement सिस्टम, और यह कैसे काम करता है, क्या है इसके फायदे जानेंगे इस आर्टिकल में।
27 जनवरी 2023 भारतीय शेयर मार्केट के लिए यह दिन इतिहास के पन्नो में दर्ज हो जाएगा क्योंकि "सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया" (SEBI) ने शेयर मार्केट में t+1 Settlement सिस्टम को लागू कर दिया है।
what is t+1 settlement |
क्या है t+1 Settlement | What is t+1 Settlement:
शेयर मार्केट में जब भी कोई शेयर धारक शेयर खरीदा था तब वहां डिमैट अकाउंट का प्रयोग करता था और जब वह अपने शेयर को बेचता था तब भी वह डिमैट अकाउंट का प्रयोग करता था ।
लेकिन पहले जब वह शेयर खरीदता था तब पैसे उसके अकाउंट से तुरंत कट जाते थे और जब वह शेयर को बेचता था तब उसके पैसे उसके खाते में आने में 2 दिनों का वक्त लगता था इस सिस्टम को t+2 Settlement कहते हैं।
जो 26 जनवरी 2023 तक लागू था 27 जनवरी 2023 को सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया ने एक लैंड मार्क डिसीजन लेते हुए भारतीय शेयर बाजार में t+1 Settlement सिस्टम लागू कर दिया।
इस सिस्टम की मदद से शेयर मार्केट में जब भी कोई शेयर धारक अपने शेयरों को बेचेगा तब उसका पैसा उसके अकाउंट में उसी दिन वापस आ जाएगा यानी जो पैसा उसके खाते में आने में 2 दिन का समय लेता था अब उसका वही पैसा शेयर धारक के खाते में उसी दिन आ जाएगा इस सिस्टम को t+1 Settlement सिस्टम कहते हैं।
t+1 Settlement सिस्टम के फायदे:
शेयर मार्केट में जब भी कोई शेयर धारक अपना शेयर बेचता था तब उसके पैसे उसके अकाउंट में आने में 2 दिन लग जाते थे इन 2 दिनों के भीतर शेयर धारक अपने पैसों का इंतजार करता था तथा वहीं पैसों को किसी दूसरे से शेयर को खरीदने में इस्तेमाल नहीं कर पाता था।
लेकिन t+1 Settlement सिस्टम की मदद से शेयर धारक के खाते में उसका पैसा 24 घंटे के अंदर उसके खाते में आ जाएगा जिससे वह उस पैसे का इस्तेमाल नये शेयरों को खरीदने में कर सकता है।
सेबी ने t+1 Settlement सिस्टम को लागू करने के लिये पिछले एक वर्ष से तैयारी कर रहा था, इस सिस्टम के लागू होने से, जो कंपनिया अपने एकाउंट को 2 दिनों में मेनटेन करती थी अब उन्हें अपने एकाउंट को 24 घंटे के भीतर मेनटेन करना होगा ।
भारत मे वर्ष 2003 से पहले t+3 Settlement सिस्टम था यानी शेयर और पैसे ट्रांसफर होने में तीन दिनों का समय लगता था।
- भारत मे 1996 में डीमैट एकाउंट की शुरुआत हुई
- 1998 में t+5 Settlement सिस्टम
- 2002 में t+3 Settlement सिस्टम
- 2003 में t+2 Settlement सिस्टम
- 2023 में t+1 Settlement सिस्टम की शुरूआत हुई है।
कौन-कौन से देशों में लागू है, t+1 Settlement सिस्टम:
चीन के अलावा भारत दुनिया का दूसरा देश है जिसने t+1 Settlement सिस्टम को लागू किया है। बाकी के देश जैसे अमेरिका, ब्रिटेन जहाँ पर ट्रेडिंग भारत के मुकाबले ज्यादा होती है उन देशों में t+2 Settlement सिस्टम ही लागू है।
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